अनलॉकिंग के दौर में महाराष्ट्र और मुंबई में कोरोना केसों में आए उछाल ने बढ़ाई चिंता..
महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण थमने का नाम ही नहीं ले रहा है, बीते 24 घंटों में आये नए मामलों ने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं. राज्य में इस दौरान कोरोना के 23,350 नए मरीज सामने आए, इसके साथ ही कुल संख्या बढ़कर 9 लाख पार हो गई है. मुंबई शहर में जो मामले कभी हज़ार के काफ़ी नीचे रिपोर्ट होने लगे थे, अब रोजाना 1900 के क़रीब आ रहे हैं. राज्य में अनलॉकिंग के नए चरण में मामलों की संख्या में फिर उछाल आया है. जो मुंबई शहर हर दिन क़रीब 700-1000 केसेस आने से थोड़ा सुकून महसूस कर रहा था, वहां 2 सितम्बर से रोजाना 1500 से 1900 के आसपास मामले आ रहे हैं. रिकवरी रेट जहां 80% तक पहुंच गया और वह भी अब गिरकर 79% पर आ गया है. डेथ रेट 5% से कम नहीं हो रहा.
बृहनमुंबई महानगर पालिका (BMC) के अनुसार, ‘सितम्बर महीने से रैपिड टेस्टिंग मिलाकर,10,000 से ज़्यादा टेस्टिंग रोजना हो रही है, इसलिए मामले बढ़े हैं लेकिन स्टेट कोविड टास्क फ़ोर्स के सदस्य का मानना है कि आरटी पीसीआर टेस्टिंग में और बढ़ोतरी की ज़रूरत है. कोविड टास्क फ़ोर्स के सदस्य डॉ, राहुल पंडित ने कहा, ‘मुंबई में टेस्टिंग बढ़ाने की बहुत ज़रूरत है. गोल्ड स्टैंडर्ड आरटीपीसीआर है. ऐंटीजेन टेस्ट कितना भी बढ़ाओ, इसका महत्व नहीं है. 30-40% ही केस पॉजिटिव आएंगे, 60-65% फ़ॉल्स निगेटिव रहेंगे.मेरे हिसाब से बॉम्बे की जो पूरी क्षमता है, हम लोग अगर 15 हज़ार आरटीपीसीआर टेस्ट रोज़ कर पाएँ तो हम लोग कोरोना पेशेंट को जल्दी डिटेक्ट कर पाएँगे. जल्दी आइसोलेट कर पाएंगे, कांटैक्ट ट्रेसिंग कर पाएंगे.” उन्होंने कहा कि मुंबई में सबसे ज़्यादा चिंता हमारे बुजुर्गों को लेकर है क्योंकि शहर की कुल मौतों में क़रीब 84% मौतें 50 साल से ऊपर के मरीज़ों की हो रही हैं.